नवरात्रि 2025: नौ दिनों के भोग और उनका महत्व
नवरात्रि 2025 में माँ दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। जानिए नवरात्रि के नौ दिनों में कौन-सा भोग अर्पित किया जाता है और उसका धार्मिक महत्व। पहले दिन घी, दूसरे दिन शक्कर से लेकर नौवें दिन तिल तक हर भोग का खास अर्थ है। इस पोस्ट में पढ़ें नवरात्रि 2025 के लिए 9 दिनों की पूरी भोग लिस्ट और उसका महत्व।

माँ दुर्गा के नौ दिन का भोग
🌺 नवरात्रि के नौ दिनों के भोग 🌺
नवरात्रि में नौ दिनों तक अलग-अलग स्वरूपों की माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन देवी माँ को विशेष भोग अर्पित करने का विधान है। आइए जानते हैं, नवरात्रि के सभी 9 दिनों के भोग और उनका महत्व—
1️⃣ पहला दिन – माँ शैलपुत्री
👉 भोग: शुद्ध घी
📌 महत्व: घी का भोग चढ़ाने से रोग और शोक दूर होते हैं तथा उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
2️⃣ दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी
👉 भोग: शक्कर (चीनी) और मिश्री
📌 महत्व: चीनी का भोग लगाने से दीर्घायु और शांति की प्राप्ति होती है।
3️⃣ तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा
👉 भोग: दूध और उससे बनी मिठाई
📌 महत्व: दूध का भोग लगाने से शांति और समृद्धि आती है तथा जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
4️⃣ चौथा दिन – माँ कूष्मांडा
👉 भोग: मालपुआ
📌 महत्व: मालपुए का भोग चढ़ाने से बुद्धि और निर्णय शक्ति की वृद्धि होती है।
5️⃣ पाँचवां दिन – माँ स्कंदमाता
👉 भोग: केले
📌 महत्व: केले का भोग लगाने से भक्त को स्वास्थ्य और संतति सुख की प्राप्ति होती है।
👉 भोग: शहद
📌 महत्व: शहद का भोग अर्पित करने से सौंदर्य और आकर्षण की वृद्धि होती है।
7️⃣ सातवां दिन – माँ कालरात्रि
👉 भोग: गुड़
📌 महत्व: गुड़ का भोग चढ़ाने से शत्रुओं पर विजय और जीवन में सकारात्मकता आती है।
8️⃣ आठवां दिन – माँ महागौरी
👉 भोग: नारियल
📌 महत्व: नारियल का भोग लगाने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
9️⃣ नौवां दिन – माँ सिद्धिदात्री
👉 भोग: तिल
📌 महत्व: तिल का भोग लगाने से मोक्ष और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
✨ निष्कर्ष
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा के साथ विशेष भोग अर्पित करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।