चंद्रग्रहण 2025
सतर्कता से तैयार की गई ये चार इमेज आपको 7–8 सितंबर 2025 को होने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण (Blood Moon) के दृश्य, ग्रहण के मार्ग और अन्य खगोलीय जानकारियाँ बहुत साफ़–साफ़ बताती हैं।

7–8 सितंबर 2025 का चंद्रग्रहण (Blood Moon): सम्पूर्ण विवरण
तार्किक व खगोलीय विवरण
यह पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse) होगा, जिसमें चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह डूब जाएगा, जिससे उसे लाल रंग की परत संयोग से Blood Moon भी कहा जाता है।
इस भयाव और अद्भुत खगोलीय नज़ारे को भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों से देखा जा सकता है।
यह घटना एक दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण है—अगले वर्ष तक फिर ऐसा अवसर उपलब्ध नहीं होगा।

पेनीब्रल (ऊपरी छाया) आरंभ: 20:58 IST से
पूर्ण ग्रहण (Totality) आरंभ: 23:00 IST से
पूर्णता समाप्ति: 00:22 IST (8 सितंबर, मध्यरात्रि)
पेनीब्रल छाया समाप्ति: 02:25 IST तक
ग्रहण की कुल अवधि: लगभग 3 घंटे 28 मिनट; जहाँ पूर्णता लगभग 82 मिनट (लगभग 1 घंटा 22 मिनट) तक रहेगी
रोमांचक मध्य बिंदु (Peak): लगभग 23:41–23:42 IST
यह ग्रहण पितृपक्ष की शुरुआत में घटित हो रहा है—जब श्रद्धा, संस्कार और पूर्वजों की पूजा विशेष रूप से होती है।
सूतक काल (शुद्धि अवधी) का आरंभ ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले होता है, और यह ग्रहण समाप्ति तक मान्य रहता है। इस दौरान धार्मिक कार्य निषिद्ध समझे जाते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यह चंद्रग्रहण मेष, कन्या, वृश्चिक और धनु राशियों के लिए शुभ फल लेकर आने वाला माना गया है—जैसे आर्थिक लाभ, कार्य-क्षेत्र में उन्नति, पारिवारिक सुख आदि
साथ ही, कुछ ज्योतिष विश्लेषणों में मिनी राशि (Pisces), वृष (Virgo), वृश्चिक (Scorpio), और सिंह (Leo) के लिए भी प्रेम-जीवन में विशिष्ट बदलाव की संभावना बताई गई है।
विशेष मासिक प्रवचन और मंत्रों के जप, दान-पुण्य आदि को ग्रहणकाल में फायदेमंद माना जाता है।
हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गर्भवती महिलाओं के लिए कोई जोखिम सिद्ध नहीं है, फिर भी पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार कुछ सावधानियाँ (जैसे ग्रहण के समय घर में रहना, तेज भोजन से बचना) अपनाना लोगों के मानसिक तृप्ति एवं आस्था के दृष्टिकोण से न्यायपूर्ण माना जाता है।
सारांश तालिका
पहलू विवरण.
- दिनांक : 7–8 सितंबर 2025.
- प्रकार : पूर्ण चंद्रग्रहण (Blood Moon).
- दृश्यता क्षेत्र : भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका, यूरोप.
- भारत में समय. : 20:58 (पेनीब्रल आरंभ) – 02:25. (पेनीब्रल समाप्ति)
- पूर्णता समय : 23:00 – 00:22 (लगभग 82 मिनट).
- Peak : लगभग 23:41–23:42 IST.
- धार्मिक महत्व : पितृपक्ष की शुरुआत, सूतक काल, दान-पुण्य, मंत्र आदि का महत्व
- राशियों पर प्रभाव : मेष, कन्या, वृश्चिक, धनु (शुभ); कुछ ज्योतिष विश्लेषण प्रेम जीवन पर भी जागरूक